हाँ ये
सही है कि
मीडिया का काम
जनता की नब्ज
को पहचानते हुए
उनसे जुडी खबरें
दिखाना है, मगर
यदि कोई उंगली
उठाता है मीडिया
पर तो इसे
सभी स्वीकार करेंगे
कि मीडिया को
भी आत्ममंथन की
जरुरत है, कहीं
न कहीं मीडिया
अब तथ्य रखने
के बजाय फैसले
सुनाने लगा है,
जनता का वकील
होने की बजाय
जज होने लगा
है तभी उस
पर उंगलियां उठ
रहीं हैं।
खैर मेरा
मुद्दा तो बस
इतना है कि
जिस मीडिया को
देश को एकजुट
करने और जाति
बंधनों से मुक्त
करने की दिशा
में कुछ काम
करना चाहिए था
वही अब उसको
बढ़ाने में लगा
है, रोज के
नए नए सर्वे
देखता हूँ जिसमे
हर प्रदेश के
लोगों को जाति
में, धर्म में
बाँट कर बताया
जाता है, जब
ये सुनता हूँ
कि इस जगह
इतने ब्राह्मण वोट
हैं, इतने दलित
वोट हैं तो
लगता है जैसे
लोगों का अपना
कोई महत्व नहीं,
जैसे सब सिर्फ
अपनी जाति देख
कर वोट करते
हैं, हां ये
सही है कि
ऐसा होता है
काफी जगह, मगर
जिस तरह से साक्षरता
का स्तर बढ़ा
है, लोगों तक
टीवी की पहुँच
बढ़ी है, ऐसे
माहौल में कम
से कम एक
कोशिश तो की
जा ही सकती
है। ऐसा
किया जा सकता
था कि आप
किसी स्थान विशेष
पर जातिगत समीकरणों
की बजाय वहां
के उम्मीदवारों का
पूरा विवरण देते,
उनकी आपस में
तुलना करते ताकि
लोग अपने विवेक
से सही या
गलत का फैसला
कर के वोट
कर सकते।
दूसरा एक और
चीज़ जो अजीब
लगती है वो
ये कि कोई
भी नेता जब
किसी धर्मगुरु से
मिलता है तो
स्वाभाविक है उसे
सभी लोगों से
मिलना पड़ेगा ताकि
हर किसी तक
अपनी बात पहुंचा
सके, इसमें कुछ
भी गलत नहीं
मगर ये बात
तभी गलत हो
जाती है जब
कोई किसी मुस्लिम
मौलानाओं से मिलता
है, अरे भाई,
जब वही नेता
किसी हिन्दू धर्मगुरु
से मिलता है
तब तो किसी
को कोई आपत्ति
नहीं होती तब
तो कुछ नहीं
कहा जाता मगर
मुस्लिम धर्म गुरुओं
से मिलते ही
इसे तुष्टिकरण का
नाम दे दिया
जाता है।
क्या मुस्लिम
इस देश के
नागरिक नहीं हैं,
क्या उनके धर्म
गुरु के कहने
मात्र से ही
सारे मुसलमानों के
वोट किसी एक
को मिल जायेंगे,
यकीं मानिये जितने
समझदार आप हैं
उतने ही वो
भी है, तुम
अगर अपने पंडितों
की बात मान
कर किसी को
वोट नहीं देते
तो वो भी
ऐसा ही करते
हैं। इस मामले
में मीडिया की
जिस तरह से
खबरें आती हैं
वो साफ़ दिखती
है कि उन्होंने
इस जहर को
बढ़ाने का काम
किया है बजाय
इसे एक स्वाभाविक
क्रिया बताने के।
काश कि
जनता से जुड़े
मुद्दों पर और
उम्मीदवारों के व्यक्तिगत
योग्यताओं पर बात
होती बजाय सिर्फ
एक ही प्रकार
की खबरें दिखाने
के।